राग रामकली
स्वर लिपि
स्वर | रिषभ व धैवत कोमल, दोनों मध्यम व दोनों निषाद। शेष शुद्ध स्वर। |
जाति | सम्पूर्ण - सम्पूर्ण |
थाट | भैरव |
वादी/संवादी | पंचम/षड्ज |
समय | दिन का प्रथम प्रहर |
विश्रांति स्थान | प; ध१; - सा'; प; रे१; |
मुख्य अंग | म् प ध१ नि१ ध१ प ; म् प ग म रे१ सा; |
आरोह-अवरोह | सा रे१ ग म प ध१ नि सा' - सा' नि ध१ प ; म् प ध१ नि१ ध१ प ; म् प ग म रे१ सा ; |
विशेष - ये भैरव अंग का राग है। इसमें रिषभ और धैवत पर राग भैरव की तरह अन्दोलन नहीं किया जाता। इस राग को भैरव से अलग दिखाने के लिये इसका विस्तार मध्य और तार सप्तक में विशेष किया जाता है। इसलिये यह उत्तरांग प्रधान राग है। इसमें तीव्र मध्यम और कोमल निषाद का उपयोग एक विशिष्ठ प्रकार से केवल अवरोह में किया जाता है, जैसे - म् प ध१ नि१ ध१ प ; ग म रे१ सा। उक्त स्वर अवरोह में बार बार लेने से राग रामकली का स्वरूप राग भैरव से अलग स्पष्ट होता है।
राग रामकली की बन्दिशें - ये बन्दिशें आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे 'तनरंग' द्वारा रचित हैं, और उनकी पुस्तक 'आचार्य तनरंग की बन्दिशें भाग २' में प्रकाशित की गयीं हैं। इस पुस्तक में 31 रागों की कुल 405 बन्दिशें और एक Audio CD है। इस पुस्तक को खरीदने के लिये कृपया हमें सम्पर्क करें।
1 | बडा ख्याल - आज रंग है जोगी
ताल - एकताल विलम्बित गायक - श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे |
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2 | बडा ख्याल - ए बतियाँ ना करो रे
ताल - एकताल विलम्बित गायक - श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे |
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3 | बडा ख्याल - बोलन लागे कीर कोयलिया
ताल - एकताल विलम्बित गायक - श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे |
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4 | बडा ख्याल - शुभ घड़ी आई
ताल - एकताल विलम्बित गायक - श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे |
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5 | ख्याल (मध्य-लय) - निरगुण को ध्यान
ताल - झपताल (मध्य लय) गायक - श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे |
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6 | ख्याल (मध्य-लय) - भोर ही जागो कन्हाई
ताल - झपताल (मध्य लय) गायक - श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे |
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7 | छोटा ख्याल - छेडत मैको बार बार रे
ताल - त्रिताल गायक - श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे |
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8 | छोटा ख्याल - मंदरवा मोरे आये मितुवा
ताल - त्रिताल गायक - श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे |
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9 | छोटा ख्याल - रोको ना गैल मोरी श्याम
ताल - त्रिताल गायक - श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे |
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10 | छोटा ख्याल - फुदकन लागी हो चिड़ियाँ
ताल - त्रिताल गायक - श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे |
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11 | सरगम - म प ध नि ध प
ताल - त्रिताल गायक - श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे |