राग चन्द्रकौन्स

स्वररिषभ, पंचम वर्ज्य। गंधार, धैवत कोमल। शेष शुद्ध स्वर।
जातिऔढव - औढव
थाट
वादी - संवादीमध्यम - षड्ज
समयरात्रि का दूसरा प्रहर
विश्रांति स्थानसा; म; नि; - सा'; नि; म;
मुख्य अंगसा ग१ म ग१ सा ,नि ; ,नि सा ; ग१ म ध१ नि सा' ; नि ध१ सा' ; नि ध१ म ग१ म ग१ सा ,नि सा;
आरोह - अवरोहसा ग१ म ध१ नि सा' - सा' नि ध१ म ग१ म ग१ सा ,नि सा;

राग मालकौन्स के कोमल निषाद की जगह जब निषाद शुद्ध का प्रयोग होता है तब राग चन्द्रकौन्स की उत्पत्ति होती है। इस राग में शुद्ध निषाद वातावरण पर प्रबल प्रभाव डालता है। और यहि इसे राग मालकौन्स से अलग करता है। जहाँ राग मालकौन्स एक गंभीर प्रकृति का राग है वहीँ राग चन्द्रकौन्स वातावरण पर व्यग्रता व तनाव युक्त प्रभाव डालता है। यह एक उत्तरांग प्रधान है। यह स्वर संगतियाँ राग चन्द्रकौन्स का रूप दर्शाती हैं –

,नि ,ध१ ,नि सा ; ग१ म ध१ नि सा’ ; म ध१ म नि ; नि सा’ ग’ सा’ नि सा’ नि ; नि ध१ ; म ध१ नि ध१ म ; म ग१ म ; म ग१ सा ,नि ; सा ग१ म ग१ सा ; ,नि ,नि सा;

राग चन्द्रकौन्स की बन्दिशें

ये बन्दिशें आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे ‘तनरंग’ द्वारा रचित हैं, और उनकी पुस्तक ‘आचार्य तनरंग की बन्दिशें भाग 3’ में प्रकाशित की गयीं हैं। इस पुस्तक में 28 रागों की कुल 440 बन्दिशें हैं। इस पुस्तक को खरीदने के लिये कृपया हमें सम्पर्क करें। निम्न सभी बंदिशों के गायक श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे हैं।

1
बड़ा ख्याल - बलमा ना जाने प्रीत की रीत
ताल - एकताल विलम्बित
प्रसंग - विरह रस
2
सादरा - तनरंग बिन कल नाही परे
ताल - झपताल विलम्बित
प्रसंग - विरह रस
3
मध्य लय ख्याल - हेरी आज पिया के आवन
ताल - झपताल मध्य लय
प्रसंग - श्रृंगार रस
4
मध्य लय ख्याल - गुरु चरण रज पूज लीजे
ताल - रूपक मध्य लय
प्रसंग - गुरु वंदना
5
छोटा ख्याल - अब मोरे मंदरवा आये री
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्रृंगार रस
6
छोटा ख्याल - बिरहा जलन हिय में
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
7
छोटा ख्याल - हेरी पिया बिन सगरी
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
8
छोटा ख्याल - जानत नाही पीर पराई
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
9
छोटा ख्याल - जाओ जाओ जाओ मुरारी
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़
10
छोटा ख्याल - मधरात आई रे
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्रृंगार रस
11
छोटा ख्याल - मधुर मधुर पनघट पर
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - मुरलीधर
12
छोटा ख्याल - मानो मानो मानो मुरारी
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़
13
छोटा ख्याल - मोरी अरज सुनो
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़
14
छोटा ख्याल - नैना रंगीले कटीले हो
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्रृंगार रस
15
छोटा ख्याल - श्याम मुरली बजाए
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - मुरलीधर
16
छोटा ख्याल - सोवन दे मीत पियरवा
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
17
छोटा ख्याल - सुर साधना पूरी करो
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - सुर साधना
18
छोटा ख्याल - तारों भरी रैन
ताल - एकताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
19
तराना - द्रेतन तान देरेना तन देरेना
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - नृत्य के लिए उपयोगी
20
सरगम - सा ग सा ग म ग म ध म
ताल - त्रिताल द्रुत

राग चन्द्रकौन्स – आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे ‘तनरंग’

ख्याल (मध्य-लय) – हेरी आज पिया के आवन ताल – झपताल
छोटा ख्याल – श्याम मुरली बजाए ताल – त्रिताल