स्वर | गंधार, निषाद वर्ज्य। शेष शुद्ध स्वर। |
जाति | औढव - औढव |
थाट | बिलावल |
वादी - संवादी | मध्यम - षड्ज |
समय | रात्रि का दूसरा प्रहर |
विश्रांति स्थान | सा; रे; प; ध; - सा'; ध; म; रे; |
मुख्य अंग | म प ध ; म रे ,ध सा ; रे रे प; |
आरोह - अवरोह | सा रे म प ध सा' - सा' ध प ध म रे सा ,ध सा; |
रात्रि के रागों में राग दुर्गा बहुत मधुर और सब लोगों का प्रिय राग है। रे रे म रे; ,ध ,ध सा – यह स्वर संगती राग को स्पष्ट बनाती है। सभी शुद्ध स्वर लगने के बावजूद इस राग का एक विशिष्ट वातावरण पैदा होता है जो की स्थाई प्रभाव डालने में समर्थ है। यह मूलतः दक्षिण भारतीय संगीत का राग है जो उत्तर भारतीय संगीत में भी लोकप्रिय हुआ है। मध्यम स्पष्ट लगने से यह राग खिलता है। इस राग में अवरोह में पंचम पर विश्रांति नही देनी चाहिये।
इस राग की प्रकृति न तो अधिक गंभीर है और न ही अधिक चंचल। इसमें ख्याल, तराने आदि गाये जाते हैं। यह स्वर संगतियाँ राग दुर्गा का रूप दर्शाती हैं –
रे म प ध; प ध म; म प ध ध म; ध म प ध सा’; ध ध सा’; सा’ ध ध म; म प ध ; म रे ; ,ध सा;
राग दुर्गा की बन्दिशें
ये बन्दिशें आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे ‘तनरंग’ द्वारा रचित हैं, और उनकी पुस्तक ‘आचार्य तनरंग की बन्दिशें भाग 1′ में प्रकाशित की गयीं हैं। इस पुस्तक में 31 रागों की कुल 389 बन्दिशें हैं। इस पुस्तक को खरीदने के लिये कृपया हमें सम्पर्क करें। निम्न सभी बंदिशों के गायक श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे हैं।
1 | बडा ख्याल - बीती सारी रैन ताल - एकताल विलम्बित प्रसंग - विरह रस | |
2 | बडा ख्याल - दीन दयाल कर दो बेडा पार ताल - एकताल विलम्बित प्रसंग - भक्ति रस | |
3 | बडा ख्याल - बीती सारी रैन ताल - तिलवाड़ा विलम्बित प्रसंग - विरह रस | |
4 | सादरा - अतुल वरदानी माँ शारदा ताल - झपताल विलम्बित प्रसंग - माँ सरस्वती | |
5 | सादरा - बिछुड़ गए श्याम जब सों ताल - झपताल विलम्बित प्रसंग - विरह रस | |
6 | छोटा ख्याल - परब्रम्ह परमेश्वर ताल - एकताल द्रुत प्रसंग - भक्ति रस | |
7 | छोटा ख्याल - बालमुवा मोरे घर आजा रे ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - श्रृंगार रस | |
8 | छोटा ख्याल - छैला लंगरवा श्याम सलोना ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़ | |
9 | छोटा ख्याल - मन मोहे ब्रिज बालिका श्याम ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - श्री राधा | |
10 | छोटा ख्याल - सौदामिनि कड कड के दमके ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - वर्षा ऋतू | |
11 | छोटा ख्याल - देवी भजो दुर्गे भवानी ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - माँ दुर्गा | |
12 | छोटा ख्याल - मुरलिया बाजी रे बाजी ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - श्री कृष्ण - मुरलीधर | |
13 | छोटा ख्याल - रोक ना डगरिया तनरंग ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़ | |
14 | छोटा ख्याल - सजनवा तोरे बिना चैन ना ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - विरह रस | |
15 | तराना - तनन तनन तन दीम ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - नृत्य के लिए उपयोगी | |
16 | सरगम - ध सा ध प म रे सा रे ताल - त्रिताल द्रुत |