राग हेमश्री

स्वररिषभ व धैवत वर्ज्य। गंधार कोमल, दोनों निषाद। शेष शुद्ध स्वर।
जातिऔढव - औढव
थाटकाफी
वादी - संवादीनिषाद - गंधार
समयरात्रि का दूसरा प्रहर
विश्रांति स्थानसा; म; प; - सा'; प; म;
मुख्य अंग,नि सा ग१ म प ; म ग१ सा ग१ ,नि सा ; ग१ म प सा' ; नि१ प ; म ; प म ग१ म प ; ग१ प म ग१ सा ग१ ,नि सा;
आरोह - अवरोह,नि सा ग१ म प नि सा' - सा' नि१ प म ग१ म ग१ सा ,नि ,नि सा;

माधुर्य से परिपूर्ण राग हेमश्री की रचना आचर्य विश्वनाथ राव रिंगे ‘तनरंग’ द्वारा की गई है। इस राग का बुनियादी ढांचा राग तिलंग सरीखा है, परन्तु इसमें गंधार कोमल का प्रयोग किया जाता है, जिससे इस राग का सौंदर्य और भी बढ़ जाता है। राग तिलंग में, रिषभ का विवादी स्वर के रूप में अल्प प्रयोग किया जाता है, जबकि राग हेमश्री में रिषभ (और धैवत) पूरी तरह वर्ज्य हैं।

राग हेमश्री के स्वर, राग धानी से भी मिलते जुलते हैं – राग धानी में गंधार और निषाद कोमल हैं, परन्तु राग हेमश्री में गंधार कोमल है और निषाद कोमल और शुद्ध दोनों लगते हैं। जिससे की राग हेमश्री अलग पहचाना जा सकता है। राग हेमश्री एक रात्रिकालीन राग है और इस राग की प्रकृति चंचल है। इस राग का विस्तार तीनों सप्तकों में किया जा सकता है। यह स्वर संगतियाँ राग हेमश्री का रूप दर्शाती हैं –

सा ग१ म प म ; ग१ म प नि१ प नि नि सा’ ; नि सा’ ग१’ नि सा’ ; प नि सा’ नि१ प ; नि१ प म ग१ म ; ग१ म प म ग१ सा ; ,नि ,नि सा ; ,प ,नि सा ग१ ,नि सा;

राग हेमश्री की बन्दिशें

ये बन्दिशें आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे ‘तनरंग’ द्वारा रचित हैं। निम्न सभी बंदिशों के गायक श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे हैं।अधिक जानकारी के लिये कृपया हमें सम्पर्क करें

1
बड़ा ख्याल - सोवन दे रे निरदई
ताल - एकताल विलम्बित
प्रसंग - रूठना मनाना
2
बड़ा ख्याल - सुख सब दीनो हे करतार
ताल - एकताल विलम्बित
प्रसंग - सुर साधना
3
सादरा - शुभ घडी आई सखी तनरंग
ताल - झपताल विलम्बित
प्रसंग - श्रृंगार रस
4
मध्य लय ख्याल - दैया कहाँ गये
ताल - झपताल मध्य लय
प्रसंग - रूठना मनाना
5
छोटा ख्याल - आये ना बालम रात भर हो
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
6
छोटा ख्याल - अब तू घर आ जा
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
7
छोटा ख्याल - बालम हरजाई मंदरवा आये ना
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
8
छोटा ख्याल - बलमा अनाडी रहे
ताल - एकताल द्रुत
प्रसंग - रूठना मनाना
9
छोटा ख्याल - बाँसुरी नेक बजा दे तनरंग
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - मुरलीधर
10
छोटा ख्याल - बरजोरी करे तनरंग नित
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़
11
छोटा ख्याल - भूल गये बनवारी मोहे
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
12
छोटा ख्याल - बिन बादल बरसात री
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
13
छोटा ख्याल - चंचल नार जले बिरह आग में
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
14
छोटा ख्याल - छाँड दे रे छलिया
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़
15
छोटा ख्याल - दिन नाही आवत चैन मोहे
ताल - एकताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
16
छोटा ख्याल - कारी करुँ कछु बन नाही आये
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
17
छोटा ख्याल - मधुबन बाज रही मुरलिया
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - मुरलीधर
18
छोटा ख्याल - मन की उमंग मन मे रही
ताल - एकताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
19
छोटा ख्याल - मुरली बाज रही मधुबन में
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - मुरलीधर
20
छोटा ख्याल - नीकी ना लागे रात मोहे
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
21
छोटा ख्याल - निठुवा तनिक ना माने
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़
22
छोटा ख्याल - सगुन बिचार रे जोसि
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
23
छोटा ख्याल - तनरंग नेक ना सुहाये
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
24
छोटा ख्याल - लागी रे तोरी प्रीत पियरवा
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
25
सरगम - नि नि सा ग सा सा
ताल - त्रिताल द्रुत

राग हेमश्री – श्री कृष्णा जी टोले

बडा ख्याल – सोवन दे रे निरदई ताल – एकताल विलम्बित

छोटा ख्याल – दिन नाही आवत चैन मोहे ताल – एकताल द्रुत