राग नायकी कान्हड़ा

स्वरधैवत वर्ज्य। गंधार व निषाद कोमल। शेष शुद्ध स्वर।
जातिषाढव - षाढव वक्र
थाटकाफी
वादी - संवादीमध्यम - षड्ज
समयरात्रि का दूसरा प्रहर
विश्रांति स्थानरे; प; - प; म; रे;
मुख्य अंगरे ,नि१ सा रे प (म)ग१ ; ग१ म प म रे सा रे सा ; ग१ म नि१ प ; नि१ म प (म)ग१ म प म रे सा रे रे सा; म प नि१ प सा'; प नि१ प; ग१ म रे सा;
आरोह - अवरोहसा रे (म)ग१ म प नि१ प सा' - सा' नि१ प नि१ प म प (म)ग१ ग१ म रे सा ;

राग नायकी कान्हड़ा को देवगिरी के दरबार गायक पंडित गोपाल नायक जी ने बनाया था इसलिए यह नायकी कान्हड़ा के नाम से जाना जाता है। यह एक उत्साहवर्धक और प्रभावशाली राग है।

रे प ; म नि१ प और ग१ म प म रे सा रे सा यह राग वाचक स्वर संगतियाँ हैं। इसमें आरोह के महत्वपूर्ण स्वर समूह हैं – रे ,नि१ सा रे प (म)ग म या सा रे ग१ म ; म नि१ प ; म प नि१ प सा’ और अवरोह के महत्वपूर्ण स्वर समूह है – सा’ नि१ प नि१ प ; म प ; ग१ म प म रे सा रे सा। यह एक उत्तरांग प्रधान राग है।

यह स्वर संगतियाँ राग नायकी कान्हड़ा का रूप दर्शाती हैं –

सा रे ,नि१ सा रे प ग१ म ; ग१ म प म रे सा रे सा ; सा रे रे ग१ म ; म नि१ प ; म प नि१ प म प सा’ ; म प नि१ सा’ ; सा’ नि१ प नि१ प ; नि१ नि१ प म प नि१ नि१ प म प ; ग१ म प म रे सा रे सा;

राग नायकी कान्हड़ा की बन्दिशें

ये बन्दिशें आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे ‘तनरंग’ द्वारा रचित हैं, और उनकी पुस्तक ‘आचार्य तनरंग की बन्दिशें भाग 3’ में प्रकाशित की गयीं हैं। इस पुस्तक में 28 रागों की कुल 440 बन्दिशें हैं। इस पुस्तक को खरीदने के लिये कृपया हमें सम्पर्क करें। निम्न सभी बंदिशों के गायक श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे हैं।

1
बड़ा ख्याल - कैसे समझाऊँ तनरंगवा
ताल - झूमरा विलम्बित
प्रसंग - विरह रस
2
सादरा - मेरो पिया प्यारो लाडलो रंगीलो
ताल - झपताल विलम्बित
प्रसंग - श्रृंगार रस
3
सादरा - जसुमती तेरो लाल
ताल - झपताल विलम्बित
प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़
4
छोटा ख्याल - आये मेहरबाँ मंदिरवा
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्रृंगार रस
5
छोटा ख्याल - आंगनवा झारू
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्रृंगार रस
6
छोटा ख्याल - अति सुन्दर चमके जुगनुवा
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - वर्षा ऋतू
7
छोटा ख्याल - गरजे रे घटा घन
ताल - एकताल द्रुत
प्रसंग - वर्षा ऋतू, विरह रस
8
छोटा ख्याल - मालनियाँ गूंध लाओ री
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्रृंगार रस
9
छोटा ख्याल - निंदिया अब जगाओ
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - रूठना मनाना
10
छोटा ख्याल - तनरंग बिन निंदरिया ना आये
ताल - एकताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
11
छोटा ख्याल - तारो भव सागर सों
ताल - एकताल द्रुत
प्रसंग - श्री शंकर शंभु
12
सरगम - प नि प म प नि सा रे सा
ताल - त्रिताल द्रुत

राग नायकी कान्हड़ा – आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे ‘तनरंग’

छोटा ख्याल – घन ते घना बरसे  ताल – त्रिताल