स्वर | धैवत व निषाद कोमल। शेष शुद्ध स्वर। |
जाति | सम्पूर्ण - सम्पूर्ण |
थाट | |
वादी - संवादी | मध्यम - षड्ज |
समय | दिन का दूसरा प्रहर |
विश्रांति स्थान | रे; ग; म; प; ध१; |
मुख्य अंग | ,ध१ ,नि१ सा रे ग म ग रे ; रे ग म ध१ प ; रे ग म रे सा; |
आरोह - अवरोह | सा रे ग म प ध१ नि१ सा' - सा' नि१ ध१ प म ग रे सा ,ध१ ,नि१ सा; |
राग चारुकेशी अपेक्षाकृत नया राग है जिसे दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति से लिया गया है। यह बहुत ही मधुर राग है जिसे तीनों सप्तकों में बिना किसी रोक टोक के गाया जा सकता है। धैवत और निषाद कोमल होने के कारण यह राग उत्तरांग मे अनूठी सुन्दरता दर्शाता है।
इस राग में पंचम स्वर को कभी-कभी आरोह और अवरोह में छोड़ा जाता है जैसे – ग म ध१ प और प ध१ नि१ ध१ म ग रे। इस राग में कई रागों की छाया दिखाई देती है जैसे- सा रे ग म – नट अंग, ग म ध१ प – भैरव अंग, नि१ सा’ रे’ सा’ ध१ ; ध१ नि१ रे सा’ – दरबारी की छाया, रे ग म रे सा – नट भैरव अंग। इन सभी अंगों के मिश्रण से ही राग चारुकेशी का अपना स्वतंत्र अस्तित्व सामने आता है। यह स्वर संगतियाँ राग चारुकेशी का रूप दर्शाती हैं –
म ग रे ; ग रे सा ; ,नि१ ,ध१ सा ; सा रे ग म ; रे ग म रे सा ; ग म ध१ प ; म ग रे ; ग म प ध१ नि१ सा’ ; ग म ध१ नि१ ; नि१ सा’ ; नि१ सा’ रे’ सा’ ध१ ; ध१ नि१ रे’ सा’ ; नि१ सा’ नि१ ध१ प ; प ध१ नि१ ध१ म ; ग रे ग म रे सा ; ,नि१ ,ध१ ,नि१ रे सा ; म प ध१ नि१ सा’ रे’ ; सा’ रे’ ग’ रे’ ; ग’ रे’ नि१ ध१ सा’ ; सा’ नि१ ध१ प ; ध१ म ग रे ; ग म ध१ प ; ग म रे सा ; ,नि१ ,ध१ ,नि१ रे सा;
राग चारुकेशी की बन्दिशें
ये बन्दिशें आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे ‘तनरंग’ द्वारा रचित हैं, और उनकी पुस्तक ‘आचार्य तनरंग की बन्दिशें भाग 3’ में प्रकाशित की गयीं हैं। इस पुस्तक में 28 रागों की कुल 440 बन्दिशें हैं। इस पुस्तक को खरीदने के लिये कृपया हमें सम्पर्क करें। निम्न सभी बंदिशों के गायक श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे हैं।
1 | बड़ा ख्याल - आस जगी तोरे दरसन ताल - एकताल विलम्बित प्रसंग - विरह रस | |
2 | मध्य लय ख्याल - सगुन बिचारो हे ताल - झपताल मध्य लय प्रसंग - विरह रस | |
3 | मध्य लय ख्याल - सुर लय कैसे पाऊँ मै ताल - झपताल मध्य लय प्रसंग - सुर साधना | |
4 | छोटा ख्याल - बलमा तनरंग तेरो नाम ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - श्रृंगार रस | |
5 | छोटा ख्याल - मनहरवा रे मितुवा ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - विरह रस | |
6 | छोटा ख्याल - सोवन दे बैरी पिया ताल - एकताल द्रुत प्रसंग - रूठना मनाना | |
7 | छोटा ख्याल - बेगी बेगी बेगी आए ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - श्रृंगार रस | |
8 | छोटा ख्याल - अँसुवन लागी झरी ताल - एकताल द्रुत प्रसंग - विरह रस | |
9 | छोटा ख्याल - सजनवा मंदिरवा आए ताल - एकताल द्रुत प्रसंग - श्रृंगार रस | |
10 | सरगम - नि ध प म ग रे ताल - त्रिताल द्रुत |