स्वर | मध्यम, धैवत वर्ज्य। शेष शुद्ध स्वर। |
जाति | औढव - औढव |
थाट | बिलावल |
वादी - संवादी | षड्ज - पंचम |
समय | रात्रि का दूसरा प्रहर |
विश्रांति स्थान | ग प नि - सा' नि प ग |
मुख्य अंग | ,नि रे ग प ग रे ग प नि सा'; सा' नि प ग रे ग प ग रे सा |
आरोह - अवरोह | सा रे ग प नि सा' - सा' नि प ग रे सा ,नि ,प ,नि रे सा ; |
राग हंसध्वनि कर्नाटक संगीत पद्धति से हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति में सम्मिलित किया गया है। यह राग, राग शंकरा के करीब का राग है, पर इसमें धैवत वर्ज्य है। राग हंसध्वनि में नि प सा’ नि ; प नि प ग ; ग प ग रे सा लिया जाता है और राग शंकरा में नि ध सा’ नि ; प ध प ग ; ग प रे ग रे सा ; लिया जाता है।
यह स्वर संगतियाँ राग हंसध्वनि का रूप दर्शाती हैं –
,नि रे ग सा ; ग प ग ; रे प ग ; नि प ग रे ; ग रे ग रे सा ; ,नि ,प ,नि रे ,नि ,प सा;
राग हंसध्वनि की बन्दिशें
ये बन्दिशें आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे ‘तनरंग’ द्वारा रचित हैं, और उनकी पुस्तक ‘आचार्य तनरंग की बन्दिशें भाग 2’ में प्रकाशित की गयीं हैं। इस पुस्तक में 31 रागों की कुल 405 बन्दिशें हैं। इस पुस्तक को खरीदने के लिये कृपया हमें सम्पर्क करें। निम्न सभी बंदिशों के गायक श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे हैं।
1 | बड़ा ख्याल - जाने दे रसिया अब ताल - एकताल विलम्बित प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़ | |
2 | सादरा - जय माता विमल करो ताल - झपताल विलम्बित प्रसंग - भक्ति रस, माँ सरस्वती | |
3 | सादरा - त्रिशूल धर शंकर महादेव ताल - झपताल विलम्बित प्रसंग - श्री शंकर शंभु | |
4 | मध्य लय ख्याल - कलना परत मोहे ताल - झपताल मध्य लय प्रसंग - विरह रस | |
5 | छोटा ख्याल - बालम बिन बिसरो सब ताल - एकताल द्रुत प्रसंग - विरह रस | |
6 | छोटा ख्याल - लागी लगन प्रभु के दरस ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - भक्ति रस | |
7 | छोटा ख्याल - नैना भये बावरे मोरे ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - विरह रस | |
8 | छोटा ख्याल - पवन पुत्र हनुमान जय हो ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - श्री हनुमान | |
9 | छोटा ख्याल - बिन बताए गुरु गुण नही आवे ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - गुरु वंदना | |
10 | छोटा ख्याल - बाँसुरिया बजावत ताल - एकताल द्रुत प्रसंग - श्री कृष्ण - मुरलीधर | |
11 | छोटा ख्याल - बरजोरी ना करो ताल - एकताल द्रुत प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़ | |
12 | छोटा ख्याल - भज रे मना राम को नाम ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - श्री राम | |
13 | छोटा ख्याल - बिरहा की रात कटत ना मोरी ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - विरह रस | |
14 | छोटा ख्याल - जिन जाओ ना जाओ बिदेसवा ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - रूठना मनाना | |
15 | छोटा ख्याल - कारी करुँ कछु बन नाही आवे ताल - त्रिताल द्रुत प्रसंग - विरह रस | |
16 | सरगम - ग प ग रे ग ताल - त्रिताल द्रुत |
राग हंसध्वनि – आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे ‘तनरंग’
बडा ख्याल – जाने दे रसिया अब ताल – एकताल विलम्बित
छोटा ख्याल – लागी लगन प्रभु के दरस ताल – त्रिताल
राग हंसध्वनि – श्री प्रकाश वि. रिंगे
बडा ख्याल – जाने दे रसिया अब ताल – एकताल विलम्बित
छोटा ख्याल – लागी लगन प्रभु के दरस ताल – त्रिताल