राग हिंडोल

स्वररिषभ व पंचम वर्ज्य। मध्यम तीव्र। शेष शुद्ध स्वर। (अवरोह में निषाद अल्प)
जातिऔढव - औढव वक्र
थाटकल्याण
वादी - संवादीधैवत - गंधार
समयरात्रि का तीसरा प्रहर
विश्रांति स्थानग; ध; सा' - सा'; ध; ग;
मुख्य अंगध ध नि म् ध सा' ; ध म् ग ; सा ,ध ,ध सा;
आरोह - अवरोहसा ग म् ध नि म् ध सा' - सा' नि ध म् ग म् ग सा ,ध सा;

राग हिंडोल मधुर परन्तु गाने में कठिन है इसीलिए इसे गुरु मुख से सीखना ही उचित है। इस राग में मध्यम तीव्र है और इसे गाने के लिए बहुत रियाज़ की आवश्यकता है। यह राग ज्यादा प्रचलन में नहीं है। यह स्वर संगतियाँ राग हिंडोल का रूप दर्शाती हैं –

सा ; ग म् ध ग म् ग ; म् ग ; ग सा ; ,ध ,ध सा ; ,नि ,म् ,ध सा ; सा ग म् ध ; ग म् ग ; म् ध सा’ ; नि म् ध ; ग म् म् ग ; सा ; ,ध ,ध सा;

राग हिंडोल की बन्दिशें

1
सादरा - आई रुत पावस झिमक झिमक कर
ताल - झपताल विलम्बित
प्रसंग - वर्षा ऋतू
2
सादरा - खबरिया ना लीनी तनरंग
ताल - झपताल विलम्बित
प्रसंग - विरह रस
3
मध्य लय ख्याल - गाओ गुणी आज सुर सरस
ताल - झपताल मध्य लय
प्रसंग - सुर साधना
4
छोटा ख्याल - आओ आओ बेगी बेगी
ताल - एकताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - रास लीला
5
छोटा ख्याल - झूम झूम आई प्यारी
ताल - एकताल द्रुत
प्रसंग - बसंत बहार
6
छोटा ख्याल - झूलत हैं गिरिधारी हिंडोले
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - झूला
7
छोटा ख्याल - मनहर की मुरली कान परी ब्रिज नारी
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों की व्याकुलता
8
छोटा ख्याल - मोरे सजन परदेस गये
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
9
छोटा ख्याल - मोरी अरज सुन लीजे हरि
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - भक्ति रस
10
छोटा ख्याल - मोरी अरज सुनो करतार
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - भक्ति रस
11
छोटा ख्याल - मोरी बाजत पैंजनियाँ
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों की व्याकुलता
12
छोटा ख्याल - सुर दान दे री माँ
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - माँ सरस्वती
13
सरगम - सा नि ध म ग ध म ध
ताल - झपताल द्रुत

राग हिंडोल – आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे ‘तनरंग’

छोटा ख्याल – कोयलिया बोले बन में डारी डारी  ताल – त्रिताल
तराना – ना दिर दिर तोम तान न देरना देरेना  ताल – त्रिताल