राग सरस्वती केदार

स्वर लिपि

स्वर मध्यम दोनों, निषाद दोनों। आरोह में गंधार व धैवत वर्ज्य। शेष शुद्ध स्वर।
जाति औढव - षाढव वक्र
थाट कल्याण
वादी/संवादी मध्यम/षड्ज
समय रात्रि का द्वितीय प्रहर
विश्रांति स्थान सा; म्; प; ध; - सा'; प; म; रे;
मुख्य अंग रे म् प ध प ; म् प म रे सा ; म् प ध नि१ ध प ध सा'; सा' नि१ ध प म् म रे ; सा ,नि१ ,ध सा;
आरोह-अवरोह सा रे म् प ध सा' - सा' नि१ ध प ; म् प ध प ; म् म रे सा;

विशेष - राग सरस्वती केदार, राग सरस्वती और राग केदार के मिश्रण से बना है। राग सरस्वती के स्वर - रे म् म् प; म् प धनि१ ध प; ,नि१ ,ध सा; और राग केदार के स्वर - म् प ध नि सा'; पध प म; म ग प ; सा' रे' सा' ; म' म' रे' सा' ; मिल कर एक नया और अद्भुत वातावरण पैदा करते हैं। गंधार का अवरोह में बहुत ही अल्प मात्रा में प्रयोग किया जाता है।

माधुर्य से परिपूर्ण राग सरस्वती केदार की रचना आचर्य विश्वनाथ राव रिंगे 'तनरंग' द्वारा की गई है। यह स्वर संगतियाँ राग सरस्वती केदार का रूप दर्शाती हैं -

सा रे म् म् म् प ; पध प नि१ नि१ ; ध प धप म् प म ; सा रे म् प ; ध सा' नि१ धप ; ध म् प ; ध प म ; म सा रे रे सा म् प धप सा' ; म् प धनि सा' ; धनि१ ध प ; धप म् प म ; सा रे म् प ; म् प रे म् प ध सा' ; ध नि१ ध प ; ध सा' रे'सा' ; नि१ ; नि१ ध प ; पध प म ; म् सा' रे' सा' ; धसा' रे'सा' ; नि१ध पम् ; पम सा रे रे सा;


राग सरस्वती केदार की बन्दिशें - ये बन्दिशें आचार्य विश्वनाथ राव रिंगे 'तनरंग' जी द्वारा रचित हैं और भविष्य में उनकी अगली पुस्तक में प्रकाशित की जाएंगी। अधिक जानकारी के लिये कृपया हमें सम्पर्क करें। निम्न सभी बंदिशों के गायक श्री प्रकाश विश्वनाथ रिंगे जी हैं।



1
बड़ा ख्याल - सखी मोरा कान्हा मुरली बजाये
ताल - एकताल विलम्बित
प्रसंग - श्री कृष्ण - मुरलीधर
2
बड़ा ख्याल - सादरा - चतुर बलमा आयो मंदिरवा
ताल - झपताल विलम्बित
प्रसंग - श्रृंगार रस
3
छोटा ख्याल - आए ना सजनवा मंदिरवा
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
4
छोटा ख्याल - बालमुवा बिना चैन न आए
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
5
छोटा ख्याल - बिसर गये मोरी आली
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
6
छोटा ख्याल - चतुरंगिणी गजवाहिनी
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - माँ दुर्गा
7
छोटा ख्याल - धन धन री तेरो सुहाग
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्रृंगार रस
8
छोटा ख्याल - जय जय जय शूलपाणि
ताल - एकताल द्रुत
प्रसंग - श्री शंकर शम्भू
9
छोटा ख्याल - मथुरा नगर गए श्याम
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों की व्याकुलता
10
छोटा ख्याल - मोरी बिनती सुनो श्याम
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - मुरलीधर
11
छोटा ख्याल - पीर पराई जाने ना
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्री कृष्ण - गोपियों से छेड़छाड़
12
छोटा ख्याल - सजनवा बेदर्दी भये कैसे
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - विरह रस
13
छोटा ख्याल - शरद रैन की शोभा न्यारी
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - प्रकृति की सुंदरता, रात्रि कालीन
14
छोटा ख्याल - उलझ गए नैन तनरंग सों
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्रृंगार रस
15
छोटा ख्याल - उलझ गए री नैनवा
ताल - त्रिताल द्रुत
प्रसंग - श्रृंगार रस
16
सरगम - रे म प ध सा
ताल - एकताल द्रुत